Fact check: कल से लागू होंगे नए नियम, सोशल मीडिया और फोन की निगरानी करेगी सरकार, जानें सच्चाई:-हेल्लो दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको सोशल मीडिया पर एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है उसके बारे में बतायेगे इसके साथ ही इसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार नए संचार नियम के तहत व्हाट्सएप और फोन कॉल को रिकॉर्ड करने की योजना बना रही है तो चलिए अब हम जानते है इस तरह के वायरल मेसेज में कितनी सच्चाई है
Fact check: कल से लागू होंगे नए नियम
जैसा की आपको पता है की डिजिटल के जमाने में आजकल हर किसी के पास मोबाइल है इसके साथ ही सोशल मीडिया से लेकर दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स खबर पढ़ने, देखने और सुनने का माध्यम बन गए हैं ऐसे में इसके माध्यम से कुछ शरारती तत्व फेक न्यूज फैलाकर अपना एजेंडा सेट करने में लग जाते हैं फेक न्यूज ऐसी खबरें, कहानियां या झांसे हैं जो जानबूझकर गलत सूचना देने या पाठकों को धोखा देने के लिए बनाई जाती हैं
क्या है फॉरवर्ड हो रहे मैसेज में दावा
सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड किए जा रहे मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार अब पर्सनल कॉल सुनने जा रही है साथ ही उस व्यक्ति की सोशल मीडिया की निगरानी करेगी लेकिन ऐसे में इस दावे में लोगों को सावधान होने और मोबाइल कम इस्तेमाल करने तथा सोशल मीडिया को कम या बिलकुल भी ना चलाने की सलाह दी गई है ऐसे में इस मेसेज में दावा किया जा रहा है की जो भी मैसेज संदिग्ध माना जाएगा, उसमें तीन 3 ब्लू टिक होंगे जिसका मतलब है कि उस मैसेज पर सरकार की नजर है
जानिए दावे में कितनी है सच्चाई
हम आपको बता दे की जब हमने नए संचार नियम से जुड़े हुई सर्च किया तो ऐसी कोई खबर नहीं मिली लेकिन सर्च करने पर हमें करने पर हमने कुछ आर्टिकल पाए जिनमे इस मैसेज को फेक बताया गया है साथ ही सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पीआईबी फैक्टचेक पर देखा तो सरकार इस दावे को गलत बता रही है और केंद्र सरकार द्वारा ऐसे कोई नियम लागू नहीं किए गए हैं
📣 सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे एक फोटो के माध्यम से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा ‘नए संचार नियम’ के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी की जाएगी#PIBFactCheck
❌ भारत सरकार द्वारा ऐसे कोई नियम लागू नहीं किए गए हैं
✅ ऐसे किसी #फर्जी सूचना को शेयर न करें pic.twitter.com/RA7JHn7BKI
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 21, 2024
निष्कर्ष: फोन कॉल्स, मैसेज और सोशल मीडिया की निगरानी का अधिकार देने वाले “नए संचार नियमों” के लागू होने का दावा फेक और मनगढ़ंत है